हर
जगह नारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी
मना
लोग पर हारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी मना
सब गन्दगी ढांकी गई, सब चीथड़े जोड़े गए
इक टाट में तारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी मना
स्कूल के बच्चे मिले बारिश में भीगे कांपते
लड्डू हमें खारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी मना
देखा जो हमने ग़ौर से पानी नहीं था ख़ून था
लेकिन वो फव्वारे लगे,हां जश्ने आज़ादी मना
जिनको लगें हों शेर वो,उनको मुबारकबाद है
हमको तो बेचारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी मना
वो किला वो बुर्ज़ पत्थर का बना, पत्थर रहा
पत्थर किसे प्यारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी मना
लोग पर हारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी मना
सब गन्दगी ढांकी गई, सब चीथड़े जोड़े गए
इक टाट में तारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी मना
स्कूल के बच्चे मिले बारिश में भीगे कांपते
लड्डू हमें खारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी मना
देखा जो हमने ग़ौर से पानी नहीं था ख़ून था
लेकिन वो फव्वारे लगे,हां जश्ने आज़ादी मना
जिनको लगें हों शेर वो,उनको मुबारकबाद है
हमको तो बेचारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी मना
वो किला वो बुर्ज़ पत्थर का बना, पत्थर रहा
पत्थर किसे प्यारे लगे, हां जश्ने-आज़ादी मना
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